संसद शेयर बाजार : सेंसेक्स शेयर बाजार क्या है? आज सेंसेक्स 100 पॉइंट ऊपर तो कल सेंसेक्स 90 पॉइंट निचे, कभी निफ़्टी 50 पॉइंट ऊपर तो कभी निचे हर रोज ये सेंसेक्स और निफ़्टी ऊपर निचे होते रहते है तो कही बार आप लोगो के मन में सवाल आता रहता होगा की आखिर ये सेंसेक्स और निफ़्टी दर्शाते क्या है? कैसे बने हुए है? सेंसेक्स और निफ़्टी ऊपर निचे क्यों होते है?
तो आज इस लेख में हम देखेंगे सेंसेक्स के बारे में सबकुछ की इनकी डेली मूवमेंट क्यों होती है? और आपको कैसे इनको इंटरपेट करना है ताकि आप इनके मूवमेंट पर बेटर अपना डिसिशन ले सके।
नमस्कार दोस्तों मैं हूँ रूद्र सोलंकी और आज हम जानते है सेंसेक्स की पूरी कहानी तो स्वागत है आपका StockWock में तो लेख के अंत तक जरूर बने रहिये आज देखेंगे पूरा सेंसेक्स।
ना जाने कितने न्यूज़ चैनल सेंसेक्स और निफ़्टी के कितने उतार चढाव दिन भर लाइव टेलीकास्ट करते रहते है, जैसे दुनिया जरुरी चीज़ यही हो और अगर सेंसेक्स 200 पॉइंट निचे गिर जायेगा तो पता नहीं क्या हो जायेगा?
तो आईये चलते है सेंसेक्स की और
सेंसेक्स शेयर बाजार क्या है? (संसद शेयर बाजार)
दोस्तों, सेंसेक्स और निफ़्टी क्या है? इनको हम एक उदहारण से समझते ताकि आपको समजने में आसानी हो और मुझे समजने मे तो चलिए देखते है।
चुनाव में हम सब देखते है जब भी चुनाव होता है उसमे ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल देखते है। रिजल्ट के पहले एग्जिट पोल आते है तो ये एग्जिट पोल क्यों आते है? इसका सिंपल सा रीज़न है ताकि आपको एक अंदाजा लग जाये की ये इलेक्शन या चुनाव किस तरफ जाने वाला है।
लेकिन हमेंशा एग्जिट पोल सही हो ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं है लेकिन है 60 से 70% एग्जिट पोल सही होते है लेकिन वह हर बार सही नहीं होते।
क्यों सही नहीं होते? क्योकि एग्जिट पोल में लाखो वाटर्स है तो उनमे से कुछ हज़ार लोग से पूछा जाता है। एक छोटे से सैंपल से पूछा जाता है की आपने किस पार्टी को वोट दिया, उस सैंपल के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है की लाखो लोगो ने किसे वोट दिया होगा।
तो कही बार वो लाखो लोगो को सही नहीं बता पाता तो कभी बता भी देता है।
इसी तरह भारतीय शेयर बाजार में 5000 से 7000 कंपनी लिस्टेड है तो उन सभी कंपनी यो के प्राइस तो आप रोज देख नहीं सकते लेकिन आपको एक जनरल अंदाजा चाहिए की आज मार्केट कहा पर जा रहा है।
ज्यादातर कंपनीया आज बढ़ रही है या घट रही है मार्किट का सेंटीमेंट या डायरेक्शन क्या है? तो basically संसेक्स और निफ़्टी एक तरह का एग्जिट पोल है जो छोटे सैंपल साइज से यह प्रेडिक्ट करने की कोशिश करता है की ओवरऑल मार्केट कहा जा रहा है।
तो निफ़्टी में जैसे 50 कंपनी है इस तरह सेंसेक्स में 30 कंपनी है। वो 30 कंपनी की डायरेक्शन से सेंसेक्स आपको एक जनरल ओपिनियन देता है की आज मार्केट बढ़ा हुआ है या गिरा हुआ है।
देखिये सेंसेक्स आपको एक डायरेक्शन देता है जैसे चुनाव में एग्जिट पोल, इसलिए आपको सिर्फ देखना है क्योकि हर बार सेंसेक्स सही नहीं होता वह एक 30 कंपनी का सैंपल है। इसलिए आपको सेंसेक्स पर आंख बंध करके भरोषा नहीं करना है।
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सेंसेक्स बनता कैसे है? (How To Form Sensex?)
देखिये, सेंसेक्स में है 30 बड़ी कंपनिया।
जैसे की Sensex में 30 बड़ी कंपनियां Free Float Market Cap के हिसाब से है, यानी की हम सबसे पहले बात करते है मार्केट कैपिटलाइजेशन की।
Market Capitalisation क्या होता है?
की एक शेयर का दाम कितना है? एक कंपनी के शेयर का दाम है 20 रूपया और उस कंपनी के टोटल शेयर्स कितने है? चलो मान लो इस कंपनी के 5 शेयर्स है।
- अब शेयर प्राइस × टोटल नंबर्स ऑफ़ शेयर्स यानि,
- 20 रूपया × 5 शेयर्स = 100 रूपया
मतलब की इस पर्टिकुलर कंपनी की Market Capitalisation हो गई 100 रूपया। लेकिन सिर्फ Market Capitalisation के बेस पर कंपनी Sensex में include नहीं होती।
सेंसेक्स में कंपनी इन्क्लूड होती है Free Float Market Cap के हिसाब से, अब आप पूछेंगे भाई तो फिर Free Float Market Cap क्या है? तो चलिए पहले वो देखते है।
Free Float Market Cap क्या है?
Free Float Market Cap वो कैपिटल है जो Owner के शेयर्स को हटाके बनता है जैसे, किसी कंपनी के 5 शेयर्स है, उसमे से 3 शेयर्स कंपनी के Owners के पास ही है उन्होंने किसीको दिया नहीं है। तो वो 3 शेयर्स माइनस हो जायेंगे और सिर्फ 2 शेयर्स काउंट होंगे जैसे की,
20 रूपया × 2 शेयर्स = 40 रूपया
क्योकि इस कंपनी के सिर्फ 2 शेयर्स मार्किट में है बाकीके 3 शेयर्स Owner ने मार्केट में कभी उतारे ही नहीं थे तो ऐसे Free Float Market Cap बनता है।
तो सेंसेक्स में वो 30 कंपनियां है जिसका Free Float Market Cap भारत में सबसे ज्यादा है। यह 30 कंपनिया भारत के अलग अलग सेक्टर्स की है।
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सेंसेक्स की लिमिटेशन क्या है? (What is the Limitation of Sensex?)
देखिये जैसे हमने ऊपर कहा की यह एक सैंपल इंडेक्स है यह सिर्फ आपको डायरेक्शन दिखाने की कोशिश करता है लेकिन सेंसेक्स पर आप आंख बंध करके भरोसा नहीं कर सकते।
क्योकि सेंसेक्स की कुछ लिमिटेशन भी है जो निम्न लिखित है।
Limitation : 1
सेंसेक्स में सबसे बड़ी 30 कंपनिया नहीं है, बल्कि 30 बड़ी वो कंपनिया है जिनका Free Float Market Cap सबसे ज्यादा है यानि इसको हम एक एक्साम्प्ल से समझते है।
एक कंपनी A जिसकी मार्किट कैप 1000 करोड़ की है पर इसमें 750 करोड़ के शेयर ओनर के पास ही है यानि इस कंपनी में सिर्फ 250 करोड़ ही Free Float Market Cap में गिना जायेगा।
एक और कंपनी B है जिसकी मार्केट कैप सिर्फ 500 करोड़ की है, जिसमे से 400 करोड़ के शेयर पब्लिक के पास है और सिर्फ 100 करोड़ के शेयर ओनर के पास है। तो यहाँ पर 400 करोड़ कंपनी की वैल्यू की जाएगी, जो असल में कंपनी A बिलकुल आधी है।
अब सेंसेक्स में कंपनी B का भारण ज्यादा होगा तो सेंसेक्स भी company B के हिसाब से ज्यादा ऊपर या निचे होगा कंपनी A की तुलना में जो एकदम से सही नहीं है।
Limitation : 2
हम सिर्फ 30 कंपनी के सैंपल से देश की सबसे बड़ी 5000 कंपनी को जज कर रहे है इसकी मूवमेंट को जज कर रहे है, कुछ ऐसा है जैसे कोई स्कूल में 4000 या 5000 बच्चे पढ़ रहे हो और उसमे से टॉप के 30 स्टूडेंट का टेस्ट लेकर हम जज करे के स्कूल का ये रिजल्ट है।
Limitation : 3
सेंसेक्स की तीसरी सबसे बड़ी लिमिटेशन है की इसमें Survivorship Bias आ जाता है जैसे कि,
सेंसेक्स में आज जो 30 कंपनी है कल को वो अच्छा परफॉर्म ना करे तो सेंसेक्स थोड़े दिन तो गिरेगा उसके बाद क्या होगा इन 30 कंपनी को हटा दिया जायेगा और 30 नई कंपनी को ले जाया जायेगा।
और फिर हो सकता है वो अच्छा परफॉर्म करे तो सेंसेक्स फिर से बढ़ने लगे, कही बार ऐसा होता है की क्योकि सेंसेक्स में 30 सबसे बड़ी कंपनिया है तो वो अच्छा परफॉर्म कर रही है लेकिन उनके निचे की कंपनिया अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही और अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा।
निष्कर्ष :
इस लेख का निष्कर्ष यही है की आपके पोर्टफोलियो को कभीभी सेंसेक्स से Compare ना करे, आपका पोर्टफोलियो अलग है और ये देश की टॉप 30 कंपनियों से नहीं बना है। अगर आप मिड कैप, स्मॉल कैप में निवेश कर रहे है तो हो सकता है आपको पिछले 2 साल में अच्छा रिटर्न ना मिला हो।
लेकिन वहा बहुत ज्यादा वैल्यू है, वहा बहुत ज्यादा अंडर वैल्यूड स्टॉक आपको बहुत कम दाम में मिल जायेगा जो आपको अगले कुछ सालो में बहुत अच्छा यानि सेंसेक्स भी ज्यादा रिटर्न दे सकता है पर आपके पोर्टफोलियो में क्वालिटी स्टॉक का होना जरुरी है।
तो दोस्तों आज के लेख में हमने देखा की संसद शेयर बाजार क्या है? : सेंसेक्स शेयर बाजार क्या है? (What is Sensex Share Bazar in Hindi) जो आपको पसंद आया होगा अगर पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
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FAQ’s
क्या हमें सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में निवेश करना चाहिए?
देखिये बिलकुल ऐसा नहीं है की आपको सिर्फ सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में निवेश करने पर अच्छा ही रिटर्न मिलेगा क्योकि, सेंसेक्स में ज्यादातर बड़ी कंपनिया होती है और इन कंपनियों के शेयर के प्राइस आल रेडी ओवर वैल्यूड हो जाते है तो आपको शेयर का दाम भी ज्यादा देना पड़ेगा।
सेंसेक्स में हाल कितनी कंपनिया लिस्टेड है?
सेंसेक्स में हाल की बात करे तो ये इंडेक्स भारत के टॉप 30 कंपनियों से बनता है, जिसका Free Float Market Cap सबसे ज्यादा है वो कम्पनिया सेंसेक्स में लिस्टेड है।
सेंसेक्स में कंपनिया किस आधार पर लिस्ट की जाती है?
सेंसेक्स में कम्पनिया सबसे ज्यादा Free Float Market Cap के आधार पर लिस्ट की जाती है।