StockWock के प्यारे पाठक, स्वागत है आपका आजके F&O क्या होता है? F&O ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? (F&O Kya Hota Hai 2024) लेख में आशा करता हु की आपको F&O क्या होता है? जानने में काफी दिलचस्पी है तभी आप इस लेख को पढ़ रहे है। और दिलचस्पी क्यों ना हो?
जबकि लोग F&O ट्रेडिंग से दिन के Rs.1000 से लेकर लाखो और करोड़ो रुपये सिर्फ एक दिन में कुछ समय देकर कमा रहे है। अगर आप भी F&O ट्रेडिंग से अच्छी कमाई करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए फिर आप थोड़ा एडवांस्ड लेवल को देख सकते है ये जानना आपके लिए अति आवश्यक है।
दोस्तों, इस लेख में हम देखेंगे –
- F&O क्या होता है?
- F&O ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?
- F&O ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?
- F&O ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?
- ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे?
- F&O Kya Hota Hai?
दोस्तों, इस लेख में आपको ऊपर दिए गए कुछ पॉइंट को हम अच्छे से समझायेंगे ताकि आपको F&O क्या होता है? F&O ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? (F&O Kya Hota Hai 2024) और इससे पैसे कैसे कमाए वो सारी बेसिक्स बाते समझमे आ जाये।
प्यारे निवेशक, आज की इस जनरेशन के हिसाब से देखा जाये तो मेरे ख्याल से हर घर में से एक व्यक्ति को अवश्य ऑप्शन ट्रेडिंग सीखना चाहिए क्योकि, आजकल भारतीय शेयर बाजार में बहुत सारी कंपनीया लिस्ट हो रही है और भारतीय शेयर मार्केट काफी बूम पर चल रहा है और लोग यहाँ से काफी अच्छी कमाई भी कर रहे है।
F&O क्या होता है?
मित्रो, जो लोग शेयर बाजार में एकदम नए है उनके मन में एक सवाल जरूर होता है की आखिर ये “F&O क्या होता है?” तो मैं आपको बताता चलू की Future & Option के शॉर्ट फॉर्म को स्टॉक मार्केट में F&O से जाना जाता है और ये स्टॉक डेरिवेटिव्स की श्रेणी के अंतर्गत आते है।
F&O में से किसी के पास अपना स्वतंत्र मूल्य या किंमत नहीं होता बल्कि किसी शेयर या स्टॉक के लिए दी गयी खास तिथि के लिए स्टॉक का जो मूल्य होता है, वहा से चुने गए स्टॉक “Future & Option” अपना मूल्य प्राप्त करते है। जो उस दिनांक आने पर expired हो जाती है।
फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
दोस्तों, अगर आप जानना चाहते है की फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करता है? तो ये एक आसान प्रक्रिया है जहा पर आपको समझना होगा की फ्यूचर एक वायदा अनुबंध है जिनमे खरीददार और विक्रेता किसी संपत्ति को भविष्य के लिए एक मात्रा को एक निच्छित किंमत पर खरीदते है या बेचते है।
इस प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट में आप कंपनी के शेयर के अलावा किसीभी भी संपत्ति जैसे की कृषि आधारित वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, करेंसी आदि के लिए वायदा अनुबंध (फ्यूचर्स) खरीदते हैं।
फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करता है? समझने के लिए हम एक उदाहरण देखते है –
Example :
समझलो आपने किसीभी “A” कंपनी के 100 शेयर का पूर्व निर्धारित तिथि पर Rs 50 में एक वायदा अनुबंध ख़रीदा है। अब आपको वो शेयर Rs 50 में ही मिलेंगे फिर चाहे उस समय कंपनी “A” के शेयर Rs 80 पर ट्रेड कर रहे हो।
Rs 80 पर कंपनी “A” कंपनी के शेयर ट्रेड करने पर आपको पर शेयर Rs 30 का बेनिफिट होगा यानि कुल मिलाकर आपको 100 * 30 = 3000 का बेनिफिट होगा।
सैम उसी तरह अगर कंपनी “A” के शेयर Rs 20 पर ट्रेड कर रहे है तो आपको 100 * 30 = 3000 यानि Rs 3000 का नुकशान भी हो सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
प्रिय ट्रेडर, ऑप्शन की बात करे तो ये फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट से थोड़ा अलग तरीके से काम करता है। यहाँ पर खरीददार और विक्रेता पूर्व निर्धारित तिथि पर और एक निचित दाम पर संपत्ति को खरीदने एवं बेचने का अधिकार प्रदान है।
लेकिन इस ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में कोई बाध्यता नहीं होती की आपको लेना ही लेना है या फिर बेचना ही पड़ेगा। आप चाहे तो ख़रीदे या बेचे या ना भी बेचे।
दोस्तों, जनरली दो प्रकार के ऑप्शन होते है एक कॉल ऑप्शन और दूसरा पुट ऑप्शन। हम दोनों को एक एक करके समझते है ताकि आपको समझने में आसानी हो।
कॉल ऑप्शन (Call Option) क्या होता है?
दोस्तों, कॉल ऑप्शन के तहत भविष्य के लिए पूर्व निर्धारित दाम पर किसीभी संपत्ति को “खरीदने” का अधिकार प्राप्त होता है। लेकिन आप खरीदने के लिए बाध्य नहीं है इसमें आपकी मर्जी शामिल है।
कॉल ऑप्शन को हम एक उदाहरण के साथ समझते है –
समजलो आपने एक निचित तिथि पर कंपनी XYZ के 500 शेयर Rs 50 में खरीदने का कॉल ऑप्शन ख़रीदा है। लेकिन कुछ बातो के चलते एक्सपायरी से पहले शेयर की किंमत घटते अब Rs 30 चुकी है। और अब आप इस अनुबंध को पूरा नहीं करना चाहते क्योकि इस सौदे में आपको नुकशान दिख रहा है।
अब आपको Rs 50 शेयर के दाम का सौदा न खरीदने का अधिकार है तो आप इस सौदे में होने वाले नुकशान (500*50) Rs 25000 – (500*30) Rs 15000 = Rs 10000 से बच सकते है, यदि आपने इस सौदे को पूरा किया होता तो ऐसे में आपका Rs 10000 का नुकशान हो जाता।
कॉल ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?
दोस्तों अक्षर लोगो का सवाल होता है की कॉल ऑप्शन कब खरीदना चाहिए? तो मैं आपको बताता चलू की कॉल ऑप्शन आमतौर पर आपको शेयर मार्केट में किंमतो में बढ़ोतरी या वृद्धि का अनुमान होने पर ख़रीदा जाता है।
Read More : ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें?
पुट ऑप्शन (Put Option) क्या होता है?
दोस्तों, पुट ऑप्शन के तहत भविष्य के लिए पूर्व निर्धारित दाम पर किसीभी संपत्ति को “बेचने” का अधिकार प्राप्त होता है। लेकिन आप बचने के लिए बाध्य नहीं है इसमें आपकी मर्जी शामिल है।
पुट ऑप्शन कोभी हम एक उदाहरण के साथ समझते है –
समजलो आपने एक निचित तिथि पर कंपनी ABC के 500 शेयर Rs 50 में खरीदने का पुट ऑप्शन ख़रीदा है। लेकिन कुछ बातो के चलते एक्सपायरी से पहले शेयर की किंमत बढ़ते अब Rs 70 हो चुकी है। और अब आप इस अनुबंध को पूरा नहीं करना चाहते क्योकि इस सौदे में आपको नुकशान दिख रहा है।
अब आपको Rs 50 शेयर के दाम का सौदा न खरीदने का अधिकार है तो आप इस सौदे में होने वाले नुकशान (500*50) Rs 25000 – (500*70) Rs 35000 = Rs -10000 से बच सकते है, यदि आपने इस सौदे को पूरा किया होता तो ऐसे में आपका Rs 10000 का नुकशान हो जाता।
Note : पुट ऑप्शन में आपको देखना चाहिए की मार्केट के भाव में वृद्धि होने पर आपको नुकशान होता है।
पुट ऑप्शन कब खरीदना चाहिए?
दोस्तों अक्षर लोगो का सवाल होता है की पुट ऑप्शन कब खरीदना चाहिए? तो मैं आपको बताता चलू की पुट ऑप्शन आमतौर पर आपको शेयर मार्केट में किंमतो में गिरावट या कमी का अनुमान होने पर ख़रीदा जाता है।
Read More : ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम
FAQ’s – About “F&O Kya Hota Hai?”
Q-1 : फ्यूचर्स या ऑप्शन ट्रेडिंग कौन सा बेहतर है?
दोस्तों, वैसे देखा जाये तो फ्यूचर्स या ऑप्शन ट्रेडिंग अपने अपने जगह पर बहेतर है उसमे हम अच्छा या बुरा नहीं समझ सकते। क्योकि यहाँ पर ट्रेडिंग के टाइप अलग है। जो जरूरियात के हिसाब से चलते है। फिरभी आजकल लोग ऑप्शन को ज्यादा प्रेफर करते है।
Q-2 : फ्यूचर और ऑप्शन में क्या अंतर है?
दोस्तों, फ्यूचर और ऑप्शन में अंतर मात्र खरीददार और विक्रेता की लिमिटेशन का है, फ्यूचर कॉट्रैक्ट की बात करे तो इसमें खरीददार और विक्रेता दोनों लेन-देन में बाध्य होते है, जबकि ऑप्शन कॉट्रैक्ट की बात करे तो इसमें कॉट्रैक्ट के खरीददार के पास उस कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करने का, पूरा अधिकार होता है उस पर किसीभी प्रकार की कोई लिमिटेशन नहीं होती है। ये सबसे बड़ा फ्यूचर और ऑप्शन में अंतर होता है।
Q-3 : शेयर बाजार में फ्यूचर ऑप्शन क्या है?
शेयर बाजार में फ्यूचर एक वायदा अनुबंध है जिनमे खरीददार और विक्रेता किसी संपत्ति को भविष्य के लिए एक मात्रा को एक निच्छित किंमत पर खरीदते है या बेचते है।